साईं अमृत वाणी – अध्याय 4

साईं अमृत वाणी - अध्याय 4

“साई मिलन”

“साई मिलन” में किसीने साई को बेटा माना हैं, तो किसीने मां माना हैं, तो किसीने पिता, और किसीने भा | इसी के प्रतिरूप बाबा मिलते हैं अपने भक्तों से |

ये तो अत्यंत मधुर मिलन हैं जिसका पूरी तरह से वर्णन करने में मैं असमर्थ हूँ । साई बाबा ने ही तो इस छोटे से शिरडी गांव को एक महान त्रिथस्थान बना दिया हैं, जहाँ पर हम सभी साई भक्तों का मिलन होता हैं।

एक औरमहतपूर्ण बात यह हैं की मिलन में जितनी देरी होगी उस मिलन की मिठास और भी बढ़ जाती है ।

आज का साई संदेश बाबा के उन सभी भक्तों के लिऐ हैं जो लोग अभी भी शिरडी बाबा का दर्शन करने नहीं जा पाए हैं, और कई लोग ऐसे हैं जो बाबा से मिलके आए हैं, जो लोग नहीं जा पाए आप लोग ये मत समझिये की बाबा हमें क्यों नहीं बुला रहे, बाकी सभी तो बाबा से मिलने जा रहे हैं, आप लोग ये जानिए की अभी जो आपलोग प्रतीक्षा कर रहे हैं, ठीक उसी प्रकार प्रतीक्षा इन लोगों ने भी की थी एक समय और हा इन्होंने बाबा पर विश्वास था पूरा।

आप सभी भी भरोसा रखिए, साई आपको भी बुलाएंगे अपने घर शिरडी में।

आप सभी भी बाबा पर पूरी श्रद्धा और सबूरी रखिए बाबा आपके शिरडी जाने का खुद ही सब इंतेजाम करेंगे।

साभार: SAI Jitu Ghosh

© साईं तेरी लीलाMember of SaiYugNetwork.com

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Hetal Patil
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