साईं अमृत वाणी – अध्याय 1
साई के स्पर्श से तो साधारण पत्थर भी बन जाए किमती मोती, हमें भी ऐसे ही बाबा को अपने और आकर्षित करने के लिए अपने मन और तन को पवित्र लोहे की वस्तु की तरह गढ़ना होगा, ताकि साई भी हमारे द्वारा किया गया हर एक काम पर आकर्षित होकर हमारे ओर खिंचे चले आए।
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