साईं अमृत वाणी – अध्याय 1

साईं नाम की महिमा

साई नाम ऐसा चुम्बक है जो हर किसीको अपनी और आकर्षित करता हैं।

साई के स्पर्श से तो साधारण पत्थर भी बन जाए किमती मोती, हमें भी ऐसे ही बाबा को अपने और आकर्षित करने के लिए अपने मन और तन को पवित्र लोहे की वस्तु की तरह गढ़ना होगा, ताकि साई भी हमारे द्वारा किया गया हर एक काम पर आकर्षित होकर हमारे ओर खिंचे चले आए।

साई नाम दिखने में जितना छोटा है, उस नाम की गहराई उतनी ही ज्यादा है। इन दो अक्षर के नाम को अच्छी तरह से जानने के लिए पूरा जीवन कम पदता है। इस नाम के पीछे भागना तो हम सब का सौभाग्य है | हम सब उनकी लीला जानने के लिए हर पल उत्सुक रहते हैं।

“साई” मतलब सा से साक्षात् और “ई ” से ईश्वर | इन दो अक्षर के भीतर ही पूरी ब्रह्माण्ड समाया हुआ हैं।

साई नाम के पवित्र सागर में आप जितने ही तैरोगे उतने ही आपके पाप कर्म नष्ट हो जाएंगे।

साई नाम की महिमा को जानने कि ये प्रक्रिया तो निरंतर चलने वाली है, इसलिए इस पक्रिया मैं आप सभी जुड़े रहे और साई को जानिए।

साभार: SAI Jitu Ghosh

© साईं तेरी लीलाMember of SaiYugNetwork.com

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Hetal Patil
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