Category Sai Baba Amrit Vani

साईं अमृत वाणी – अध्याय 9

जय साई गुरुदेव, दोस्तों इस संसार में जन्म लेने के बाद हर किसी को मार्गदर्शन की आवश्कता होती है। क्योंकि अच्छा, बुरा, सही, गलत, सच, जूठ इसमे से किसी की भी चीज (शब्द) की समझ या ज्ञान के साथ हम जन्म नहीं लेते। कोइ हमें इन सभी से अर्थात ज्ञान से परिचत करवाता है, और उसे “गुरु” कहा जाता है|
Read More

साईं अमृत वाणी – अध्याय 8

साईं अगर आप भोलेनाथ बनोगे तो मै आपके लिए डमरू बजाऊंगा, साईं अगर आप कान्हा बनोगे तो मैं आपके लिए मुरली बन जाऊंगा, मैं सेवक हूं साईं आपका, आपकी सेवा करते हुए ही मर जाऊंगा।।
Read More

साईं अमृत वाणी – अध्याय 7

जिस घर में साईं की पूजा होती हैं, साईं आपके करुणा से सबकी विपदा ताली, साईं आपके चिंतन से हर दुःख की रैना ढली जय हो साई बाबा, जय हो साई बाबा।
Read More

साईं अमृत वाणी – अध्याय 4

"साई मिलन" में किसीने साई को बेटा माना हैं, तो किसीने मां माना हैं, तो किसीने पिता, और किसीने भा | इसी के प्रतिरूप बाबा मिलते हैं अपने भक्तों से |
Read More

साईं अमृत वाणी – अध्याय 3

साईं जब भी मुझे भूख लगे तब अपने कोमल हाथों से खिला देना, अगर ये आंखो में कभी भी आंसू आए तो बाबा अपने स्नेह भरा हाथों से पोछ देना ये मेरे दो नयन की अश्रुधारा|
Read More