साईं अमृत वाणी – अध्याय 8

साईं अमृत वाणी – अध्याय 8

“साईं सेवा”

साईं का बेटा जीतू कहें, साईं आज मैं आपका कर्ज चुकाऊंगा, साईं आप लेटे रहो आज मैं आपका चरण दबाऊंगा।

पता नही कितने बार आपने मुझे बचाने के लिए अपनी हाथ जलाए हैं धूनी मैं, उसी ऋण के कारण आज मैं आपका बेटा जीतू आपके चरण दबाऊंगा।

आपने तो हर वक्त मेरा साथ निभाया है, बिना कुछ मांगें ही कितना कुछ दे दिया।

साईं वो तो सब आपकी माया है, मैने तो सिर्फ मैंने तो सिर्फ आपकी सेवा की|

“साईं नाम” के शक्ति से ही मैंने सारा काम किया। क्या कहेंगे ये दुनियावाले में कैसे समझाऊंगा कि आप हो मेरे प्रभु और मैं आपका सेवक और मर जाऊंगा साईं आपकी सेवा करते हुए।

साईं कहते हैं मुझे मैं अपना वचन निभाऊंगा जब तुम्हें शिरडी बुलाउंगा और मंद मंद मुस्काऊंगा।

कभी ऐसा सुख नहीं भोगा जितना आज मुझे आपकी सेवा करके मिला।

साईं इस जन्म में तो अपने बहुत दूर रखा अपने से, लेकिन अगले जन्म में तो मै आपके साथ ही शिरडी के हर गली में घूमूंगा।

साईं अगर आप भोलेनाथ बनोगे तो मै आपके लिए डमरू बजाऊंगा, साईं अगर आप कान्हा बनोगे तो मैं आपके लिए मुरली बन जाऊंगा, मैं सेवक हूं साईं आपका, आपकी सेवा करते हुए ही मर जाऊंगा।।

साभार: SAI Jitu Ghosh

© साईं तेरी लीलाMember of SaiYugNetwork.com

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Hetal Patil
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