साईं आपने जितना भी बांटा हैं सबको उतनी ही आपकी झोली भरी हुई है|
Read Moreसाईं अमृत वाणी – अध्याय 6साई करुणा - जिस घर या मंदिर में साईं जी की पूजा होता हैं, साईं आपकी करुणा से सबकी बिपदा टली, साईं आपके चिंतन से हर दुःख की रैना ढली जय हो साईं बाबा, जय हो साईं बाबा।
Read Moreसाईं अमृत वाणी – अध्याय 5"साई मिलन" में किसीने साई को बेटा माना हैं, तो किसीने मां माना हैं, तो किसीने पिता, और किसीने भा | इसी के प्रतिरूप बाबा मिलते हैं अपने भक्तों से |
Read Moreसाईं अमृत वाणी – अध्याय 4साईं जब भी मुझे भूख लगे तब अपने कोमल हाथों से खिला देना, अगर ये आंखो में कभी भी आंसू आए तो बाबा अपने स्नेह भरा हाथों से पोछ देना ये मेरे दो नयन की अश्रुधारा|
Read Moreसाईं अमृत वाणी – अध्याय 3
अगर आप मेहसूस करोगे तो आपको पता चलेगा की अगरबत्ती की सुगंध हैं उससे कई गुना ज्यादा सुगंध तो साई की भक्ति से होती हैं।
Read Moreसाईं अमृत वाणी – अध्याय 2साई के स्पर्श से तो साधारण पत्थर भी बन जाए किमती मोती, हमें भी ऐसे ही बाबा को अपने और आकर्षित करने के लिए अपने मन और तन को पवित्र लोहे की वस्तु की तरह गढ़ना होगा, ताकि साई भी हमारे द्वारा किया गया हर एक काम पर आकर्षित होकर हमारे ओर खिंचे चले आए।
Read Moreसाईं अमृत वाणी – अध्याय 1