साईं भक्त रश्मी कहते है: नमस्कार हेतलजी, मैं प्रायः आपके यह महान कार्य करने के लिए आपको धन्यवाद् भी करना चाहती हूँ|
मैं, बाबा के साथ हुआ अपना एक चमत्कारिक अनुभव साँझा करना चाहती हूँ| पिछले सप्ताह मुझे काम में कुछ समस्या हो रही थी और हमेशा की तरह मैंने बाबा से प्रार्थना की। मैंने यह भी कहा कि “बैठक के अगले दिन मैं आपके दर्शन के लिए मंदिर आउंगी।“ अगले दिन बाबा की कृपा से सब कुछ ठीक रहा और मेरे वचन के अनुसार मैं मंदिर की ओर शांति पाने के लिए चल पड़ी|
जाते समय मैं मन ही मन बाबा से कहने लगी, “बाबा मुझे कुछ प्रमाण दिखाओ की आप मेरी प्रार्थना सुन रहे हैं”।
मैं शाम लगभग ६.२५ को मंदिर पहुँची तब धुप आरती शुरू होने ही वाली थी और मुझे अपनी बेटी को भी लेने जाना था इसलिए मैंने जल्दी दर्शन लेकर जाने का फैसला किया। मैंने अपना सिर उनकी पादुका पर रखा और फिर उनके चेहरे की ओर देखा। जो मैंने देखा उसे देखकर मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था, मेरे मन में बाबा के प्रति प्यार उमड़ रहा था और मेरे आँखों से आँसु बहने लगे। बाबा की ६ फीट की मूर्ति को वह वस्त्र पहनाया गया था जिसे मैंने बाबा को १७ नवबंर २००८ को अपने जन्मदिन पर भेंट किया था। मुझे पूर्ण विश्वास हो गया की बाबा मेरे साथ हैं और उन्होंने मेरी प्रार्थनाओं का उत्तर दिया है। यह कोई सह-घटना नहीं थी क्योंकि मंदिर में बाबा के लिए बहुत सारे वस्त्र मिलते हैं। वह कोई भी दूसरी पोशाक पहना सकते थे किन्तु वे मेरी भेंट की हुई वस्त्र पहने हुए थे। केवल आप जैसे साईं भक्त ही यह समझ सकते हैं की मैंने कैसा महसूस किया। इसलिए मैंने अपना यह अनुभव दूसरों के साथ साझा करने का फैसला किया।
साईं हम सब पर अपना आशीर्वाद बनाये रखे। उनकी लीलाएँ अद्भुत हैं जिसे कोई भी शब्द उसका वर्णन नहीं कर सकता। किन्तु मैंने बाबा के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने के लिए वर्णन करने का प्रयास किया है।
ॐ साईं राम,
रश्मि