साईं भक्त अमित कहते है: मैं अपने अद्भुत अनुभव को साझा करना चाहूंगा जो हमने अपनी शिर्डी यात्रा के दौरान पाया है। मेरी पत्नी ने साईं बाबा से प्रार्थना की और उन्हें वचन दिया था की यदि हमारा दूसरा बच्चा बेटा होगा तो हम शिरडी जाएंगे(पहली बार)। बाबा की कृपा से, हमें बेटा हुआ और दिसंबर 2008 को हमने अपनी शिर्डी यात्रा की तय्यारियां शुरू की।
हम सावधानी पूर्वक और अच्छी तरह से शिर्डी पहुँचे और ाबा के दर्शन के लिए कतार में खड़े थे। मैं और मेरी पत्नी हम दोनों सोच रहे थे कि ाबा को प्रसाद कैसे चढ़ाया जाएगा। चूंकि पुजारी सभी के प्रसाद का बंद पैकेट ही बाबा को दिखा रहे थे और भक्तों को वापस कर रहे थे। हम मन ही मन सोच रहे थे की काश पंडित जी हमारे प्रसाद को खोलकर बाबा को प्रसाद चढ़ाये (हालांकि हमने उस समय इस इच्छा के बारे में एक-दूसरे को नहीं बताया था )
हम बाबा की समाधि के सामने खड़े थे, की लगभग 7-8 फीट पहले ही, अचानक जो बड़ा प्लास्टिक बैग मेरे पास था वो फट गया| सभी प्रसाद पैकेट नीचे गिरे, 1-2 प्रसाद के पैकेट भी फट गए और प्रसाद ज़मीन पर बिखर गए (जो बाबा को अर्पित हो गया)| मैंने कुछ भक्तों की मदद से प्रसाद एकत्र किया। जैसे की पैकेट खुल ही चूका था, मेरी पत्नी ने बाबा की समाधि के पास उस खुले प्रसाद के पैकेट को रख दिया। बाबा ने हमारी मनोकामना पूरी की।
बाबा की कृपा से, मैंने भी कुछ उनके अद्भुत चमत्कारों को अनुभव किये है जिन्हें मैं जल्द ही आप सभी से साझा करूंगा।