म.ह. गोपाल जी: बाबा ने कराई बेटे की शादी


Devotee Experience – M.H. Gopal से अनुवाद

शिर्डी साईं बाबा की कृपा की कोई सीमा नहीं। जितना ज्यादा हम उनके बारे में पढ़ते-सुनते हैं, उतनी ही उनकी उपस्थिति हम महसूस करते हैं। दिनोंदिन भक्त उनकी दिव्य कृपा को महसूस कर रहे हैं और सब कुछ समझ कर स्तब्ध रह जाते हैं। हम जैसे सामान्य, अज्ञानी मानव कैसे उनकी लीला समझ सकते हैं? वे हमारी समझ और सोच से परे हैं। जब सब कुछ घटित हो जाता है तब हमें समझ आता है कि यह हमारे साईं बाबा के द्वारा ही नियोजित था। हर लीला, चाहे वह छोटी हो या बड़ी, हमें याद दिलाती है कि शिर्डी साईं बाबा हमेशा हमारे पीछे खड़े हैं और उनका वरद्हस्त सदा हमपर प्रेम और आशीष बरसाता है। साईं लीला मैगज़ीन में, हालाँकि 4-5 अनुभव ही प्रकाशित हुए हैं, फिर भी कई असंख्य अनुभव हैं जिनके बारे में हमें पता भी नहीं होता। यहाँ साईं लीला मैगज़ीन से एक और अनुभव लिया गया है जहाँ एक पिता की अपने पुत्र के विवाह के लिए धन जुटाने में साईं बाबा ने मदद की ।


(म.ह. गोपाल जी)

बाबा की कृपा

मैं उड़ीसा के बरगढ़ जिले में स्थित सीमेंट फैक्ट्री में काम करता था। वर्ष 2004 में, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ती (voluntary retirement) लेने के बाद मैंने फैक्ट्री के पास निजी जमीन पर एक माकन बनाया जिसका नाम रखा ‘साईं निवास’। मकान का निर्माण होने के बाद घर चलाने के लिए भी हमें
धन का अभाव होने लगा।

मेरे पुत्र का विवाह भी निश्चित हो गया था और खर्च के लिए आवश्यक धन भी नहीं था। मैंने 2-3 बैंक में व्यक्तिगत ऋण के लिए कोशिश की लेकिन कहीं नहीं मिला। इस कठिन परिस्थिति से हमें बचाने के लिए बाबा से हम सभी ने प्रार्थना की। सौभाग्य से जब हम इस विषय पर चर्चा कर रहे थे, तभी एक पहचान की महिला आई और उन्होंने हमारी समस्या को समझा। उन्होंने हमें अपने साथ पास के ग्रामीण बैंक चानले को कहा और बैंक मेनेजर से हमारा परिचय कराया और हमें ऋण देकर मदद करने की विनती की।

आवश्यक औपचारिकताओं के बाद ऋण स्वीकृत हो गया और हमारी समस्या दूर हुई। उसी समय मेरी एल.आई.सी. पॉलिसी का पैसा भी मिला और उससे भी हमे बहुत मदद मिली। यह सचमुच बाबा का चमत्कार ही था।

शादी के बाद, जल्द ही मेरे पुत्र और पुत्रवधू को पुणे में अच्छी नौकरी मिल गई। वे बाबा के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए शिर्डी गये और अब बाबा की कृपा से एक अच्छा जीवन वयतित कर रहे हैं। मेरे मकान ‘साईं निवास’ के पास कोई पक्की सड़क नहीं थी, इसलिए इस क्षेत्र के लोग कई वर्षों से समस्या का सामना कर रहे थे। हम सभी ने मिलकर समस्या
का समाधान खोजने की कोशिश भी की। अचानक एक दिन सरपंच आये और एक माह में ही सड़क निर्माण की घोषणा की और उन्होंने अपनी बात को रखा। आज हमारे पास पक्की सड़क है। बाबा की कृपा का धन्यवाद।

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Translated and Narrated By Rinki
Transliterated By Supriya

© Sai Teri LeelaMember of SaiYugNetwork.com

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