Devotee Experience – Mr. & Mrs. Desai से अनुवाद
भक्तो के अनुभव – श्रीमान और श्रीमती देसाई।
आज कल मुझे ऐसे कई सारे शिरडी साईं बाबा के भक्त मिल रहे है जो मेरे साथ अपने अनुभवो को बाँट रहे है । कुछ मुझे फोन करते हैं, कुछ मेल करते हैं, कुछ मुझसे मिलकर और कुछ चैटिंग कर के अपने अपने अनुभव मुझे बताते है। यहां एक ऐसा अनुभव है जिसे श्री विनोद वाशी जी ने बातचीत करते हुए मुझे बताया था (उनका एक अनुभव पहले ही पोस्ट किया जा चूका है)। मैं चैट के रूप में सीधे बातचीत को यहाँ पर कॉपी पेस्ट कर रही हूं (केवल व्यक्तिगत बातचीत को हटा दिया गया है) घटनाओं का क्रम विस्तार से नहीं होने के कारन इसे पूरी तरह से तैयार नहीं किया जा सकता है।
वार्तालाप “जय साईं नाथ” से शुरू हुआ और आगे इस तरह बढ़ा ….
vinodvashi: मैं आपको अपने बहनोई के साथ हुआ अन्य अनुभव बताऊँगा ….
vinodvashi47: वह 6 महीने बोहत मेहनत के बाद भी लाभ न होने के कारन बहुत परेशान थे और अपने भविष्य के लिए चिंतित था ….
hetal_patil: ठीक है ….
vinodvashi47: उसने काफी समय पहले 65००० रुपये में जमीन खरीदी थी और उस जमीन में एक फार्म हाउस को बनवाया पर उसमें से मुनाफा नहीं हो पा रहा था ….
hetal_patil: ठीक है ….
vinodvashi47: वह हर दिन बाबा से प्रार्थना किया करते थे । उस गांव में लक्ष्मी नारायण का एक मंदिर था। उसने और गाँव के लोगो ने साई बाबा की मूर्ति स्थापित करने का फैसला किया और वहां उन्होंने सुन्दर मंदिर बनवाया ।
hetal_patil: ठीक है ….
vinodvashi47: उछली आश्रम के श्री नारनदानंदजी , जो पूज्य रंगवधुतजी के गुरूजी थे, वे बाबा की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के लिए आए थे और नर्मदनानंद जी ने सुनहरी तार से बाबा की आंखों में नेत्र को रखा ….
hetal_patil: ठीक है ….
vinodvashi47: मेरी बहन और मेरे बेहेनोई हर रोज उस मंदिर के आरती में सम्मिलित होते थे । वे वहां रोजाना जाकर बाबा से प्रार्थना किया करते थे ….
hetal_patil: ठीक है ….
विनोदव्शी 47: मेरे बेहेनोई ने हवन के लिए उस मंदिर में 5000 रूपये का दान दिया था। तब पूजा के दौरान पूजा की कुछ सामग्रियों को लिए फिर से 80 रुपये दिए …. कृपया पाठक यहाँ पर ध्यान दें कि कुल उन्होंने 5000 और 80 रुपए दान किए थे।
hetal_patil: ठीक है ….
vinodvashi47: कुछ महीनों के बाद बाबा ने उनकी प्रार्थनाएं सुन ली और वह फार्म हाउस अप्रत्याशित मूल्य में बेच दि गयी जो की खरीदी हुई रकम से हज़ार गुना ज्यादा थी ….
hetal_patil: तब ….
vinodvashi47: यानी ठीक 50 लाख 80 हजार …. जैसा कि हमने देखा था उन्होंने बाबा के हवन के लिए कुल 5,080 रुपए दिए थे यानी उसका कई गुना ज़्यादा बाबा ने उसे वापिस किया।
hetal_patil: ठीक है ….
vinodvashi47: तो क्या हम जो भी बाबा को देते हैं हमारे बाबा उन्हें हजार गुना अधिक देता है ….
vinodvashi47: मेरी बहन का नाम ज्योति है और बेहेनोई का नाम भरतभाई जी देसाई हैं ….
vinodvashi47: वे नवसारी जिले के खर्साड गांव में रहते है ….
vinodvashi47: अब उनका दूसरा अनुभव ….
vinodvashi47: वे अपनी दूसरी बेटी की विवाह के लिए चिंतित थे, एक दिन बाबा ने मेरी बहन के कान में कहा था। (विशेष रूप से उसे बाबा की आवाज सुनाई दी) कि अगस्त में उनकी बेटी की शादी हो जायेगी ….
vinodvashi47: और उनकी बेटी की शादी अगस्त में हो गयी ….
vinodvashi47: एक और बात। उन्हें पेन्शन भी मिलती है, और अब उन्हें जो पेंशन मिलता है उसे वो दान में और ज़रूरतमंद बच्चों की मदद के लिए उपयोग करते हैं।
vinodvashi47: वह उस पेंशन के पैसो को कभी भी स्वयं के लिए इस्तेमाल नहीं करते ….
vinodvashi47: ये मेरी बहन और बेहेनोई दोनों के अनुभव हैं ….
vinodvashi47: ओ.के. समझा ना? ….
हेटल_पातिल: हां अंकल….
vinodvashi47: आपको ये अनुभव कैसा लगा ….
हिटल_पाटिल: रोमांचक और चौका देने वाला।
vinodvashi47: आपको जैसा पसंद हो वैसे इसे ड्राफ्ट करके भेज सकते हैं।
हेटल_पाटिलः हम्म् …….
विनोदव्शी 47: ठीक है ….
vinodvashi47: अभी के लिए अलविदा, मैं अब आपको और परेशान नहीं करुगा। यदि आपको कोई स्पष्टीकरण चाहिए तो आप कभी भी मुझ से बात कर सकती है ….
hetal_patil: ठीक है बाय अंकल byebye ….
हेटल_पाटिल: जय साईं नाथ !!! ….
अब पाठकों आप इस अनुभव दे देख ही सकते हैं कि हमारे बाबा कितने दयालु हैं और भक्त उन्हें जो भी श्रद्धा और प्रेम से अर्पित करते हैं वे उसका कई गुना उस भक्त को वापिस लौटते हैं ।
जय हो श्री साईनाथ की…..धन्यवाद ।