Sai Baba Entered Into My Life Miraculously – Experience of Bonnie से अनुवाद
हेलो हेतल,
आपसे अपना अनुभव साझा करना चाहता हूँ कि बाबा कैसे मेरे जीवन में आये | मैंने स्वप्न में सुना था “नीम के साईं बाबा”, जब सुबह उठी तो मेरे दिमाग में इसका काफी प्रभाव था. मैंने सोचा कि ये नीम के साईं बाबा कौन हैं और यह भी कि क्या ये बड़े-बड़े बालों वाले हैं | तब मुझे अहसास हुआ कि मुझे तो यह भी नहीं पता कि नीम का क्या अर्थ है और कैसे इसे बोला जाता है. तब मैंने कंप्यूटर पर गूगल किया और शिर्डी साईं बाबा के बारे में कई आलेख मिले. मैंने साईं बाबा के बारे में पढना शुरू किया तो मानो मै उन शब्दों में रामती चली गयी। उनका कथन और उनकी जीवनी काफी अर्थ पूर्ण थी जिसे पढ़कर मुझे बहुत ज्यादा ख़ुशी मिल रही थी। मैं इन्टरनेट पर उनके बारे में पढ़ती चली गयी और अनजाने तरीके से मैं उनके प्रति आकर्षित होती रही। उनके बारे में सुना और उनकी ओर देखते रहना अच्छा लगता था। मैं हमेशा गूगल ही करती थी और कभी भी कोई वेबसाइट को मैंने सेव नहीं किया |
यह स्वप्न मुझे अक्टूबर 2005 में आया था और उसके बाद से ही मै यूँ ही बाबा को देखने जाती रही और हर बार कुछ अधिक ही मुझे महसूस होता जिसे शब्दों में बयां कर पाना मुशकिल था। तब 2006 के नए साल पर कंप्यूटर पर बाबा के भजन सुनकर ही मेरी नींद खुली और उनकी तस्वीर कंप्यूटर के फुल स्क्रीन पर थी। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मुझे मालूम था कि यह बाबा ने ही किया है यह किसी और तरह नहीं हो सकता| मै उठी और सीधे उनके सामने जाकर बैठ गयी और उनकी ओर देखने लगी तो जुड़ाव सा प्रतीत हुआ और मैंने उनसे पूछा की वे क्या चाहते है| जब मै उनकी ओर निरंतर देख रही थी तो मुझे मेरे बचपन की एक घटना याद आ गई जो कि मैं कई साल पहले ही भूल चुकी थी वो मुझे याद आया कि
मैं साई बाबा को रात में अपने बिस्तर पर उड़ते हुए देखती थी
। और जब भी मैं लोगों को बताती थी तो वे कहते कि ये मेरी कल्पना है। समय बीतते ही मै भी यह भूल चुकी थी और उनके चेहरे को भी भूल गयी थी। इस स्मृति ने मुझे याद दिलाया कि बाबा हमेशा ही मेरे साथ रहे हैं। और मुझे बहुत ही सुखद और शांति का एहसास हुआ। जैसे कि हमारा संबंध फिर से जीवंत और सजीव हो गया हो। उन्होंने मुझे सत्चरित्र पढ़ने के लिए एक ग्रुप बनाने का संकेत दिया और बिना किसी हिचक के मैं उनकी आज्ञा का पालन करने लगी। जैसे की मैं पहले ऑनलाइन ही पढ़ा करती थी, किन्तु मुझे अब लगा कि मुझे पुस्तक ऑर्डर करनी पड़ेगी और साईं ग्रुप के लिए भी कुछ चीज़ें करनी होंगी.
मैंने सत्चरित्र पूरी कभी नहीं पढ़ी थी, केवल कुछ सन्दर्भ सुने थे और इंटरनेट पर कुछ कहानियां पढ़ी थीं। तब मैंने पुस्तक आर्डर की और कुछ लोगों से सम्पर्क करने लगी जिससे ग्रुप बन सके और इस दौरान मेरे दिमाग में एक लाल त्रिशूल की तस्वीर उभरती रहती थी। मुझे उत्सुकता तो थी किन्तु फिर मैं उसे भूल गयी। आखिरकार शिकागो के शिर्डी साईं मंदिर से एक पैकेट मिला जिसमे पुस्तकें थीं। मैंने सत्चरित्र निकाली और एक पेज पढने लगी। उस पेज में मेघा का वर्णन था की उसने एक लाल त्रिशूल देखा था और मुझे ऐसा लगा कि मै ही मेघा हूँ क्योंकि मुझे भी लाल त्रिशूल की तस्वीर दिखती रहती थी। जल्दी ही हमारा साईं ग्रुप बन गया और ग्रुप के लोगो के साथ कोई न कोई चमत्कार होने लगे थे। एक महिला जिसे मैंने ग्रुप जॉइन करने कहा था, उसने जवाब दिया कि पता नहीं वह जॉइन करेगी या नहीं। क्योकि उसने दिल में सोचा की यह ग्रुप शायद उसके लिए नहीं और जॉइन न करने का निर्णय ले लिया था। किन्तु २० से ३० मिनट्स बाद उसने कॉल किया की वह भी जॉइन करेगी। वह बहुत उत्सुक थी और बोली कि जब वह कहीं जा रही थी तब उसने एक ट्रक के पीछे “साईं प्रदाता (supplies)” लिखा देखा। उसे बहुत प्रसन्नता हुई। तब वहा वहा से लौटते समय फिर से उसे वोही ट्रक दिखाई दिया जिसके पीछे “साईं प्रदाता (supplies)” लिखा था। उसने इसके पहले कभी भी ऐसा नही देखा था। ग्रुप में कई लोगों के साथ कई तरह के चमत्कार होते रहे और कुछ तो निजी थे। बाबा ने अचानक ही मेरे जीवन में प्रवेश किया और मुझे अपना बना लिया। और मुझे अपना बना लिया मै उनके चरणों में पूर्ण समर्पित हु। सब कुछ बाबा का ही तो है. मन मस्तिष्क आत्मा और संपत्ति सब कुछ उनका है। जैसे उनके शब्द सत्य प्रमाणित हुए मुझे शांति मिल गई और बहुत ख़ुशी भी कि मैं उनकी हूँ और हर पल उनके साथ हूँ।
बोनी
ॐ साईं राम
Very nice experience