Devotee Experience – Sunil Kale से अनुवाद
बाबा की कृपा से मैं अपने मामा सुनील काले जी के द्वारा अनुभव किए गए बाबा के चमत्कार को आप सभी के साथ बाँट रही हूँ। हमे बाबा के अनुभव मिले हैं क्यूंकि हमे उनमें विश्वास है और हम उनके भक्त हैं, पर बाबा तो उन लोगो को भी अपना भक्त बना देते है जो उनमें विश्वास नहीं करते। आगे की घटना से आप सभी को स्पष्ट समझ में आजाएगा कि मेरी बातों का क्या अर्थ है।
मेरे मामा जी जो की 50 वर्षिय है अौर जाे भगवान में विश्वास नहीं रखते थे, उन्होंने कभी भी किसी देवी या देवता की पूजा नहीं की और न ही कभी मंदिर ही गए, पर वो अब साईबाबा के अनन्य भक्त बन चुके हैं। यह कुछ ही महीने पहले की बात है, मेरे मामाजी के बेटे MCA कर रहे थे और computer applications में काफी अच्छे थे पर फिर भी कॉमर्स के विद्यार्थी होने के कारण उन्हें MCA की पढाई काफी मुश्किल लग रही थी और उन्हे पेहले सेमिस्टर के एक विषय में ATKT मीला।
मेरे मामा जी काफी परेशान थे और सुझाव के लिए उन्होंने मेरी माँ को फोन किया क्योंकि मेरे ममेरे भाई काफी मेहनत और लगन से पढ़ रहे थे पर फिर भी उसका कोई परिणाम नहीं मिल रहा था। मेरी माँ तो साई भक्त थीं तो उन्होंने मेरी मामी जी को 9 गुरुवार व्रत करने और साई मंदिर जाने का सुझाव दिया। मामी जी तुरंत ही मान गई और उन्होंने व्रत शुरू किए।
कुछ ही गुरुवार हुए थे कि बाबा ने उनकी प्रार्थना सुन ली और 9 गुरुवार पुरे होने के पहले ही मेरे भाई ने ATKT पास कर लिया।
इस घटना ने मामा जी का हृदय परिवर्तित कर दिया और वो बाबा के अनन्य भक्त बन गए, अब उन्हे शिर्डी जाने की इच्छा हो रही थी, जहाँ वो कभी नहीं गए थे। अब वो हर गुरुवार को साई मंदिर जाते हैं और एक दिन पहले ही नारियल, फूल, प्रसाद और धूप बत्ती बाबा को अर्पित करने के लिए लाकर रख दिया करते हैं।
बाबा उनको तो विनम्रता और प्रेम देते ही हैं जो उनके भक्त है, पर जो उनके भक्त नहीं है उनसे वे ज्यादा विनम्र होते हैं।
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SAI…SAI…