साईं भक्त रवि कहते हैं: मैं साईं बाबा का अनुयायी हूं और कुछ दिनों पहले तक मैं बहुत कठिन समय से गुजर रहा था। यहां मेरा अनुभव है जिसे मैं साझा करना चाहता हूं।
जय श्री साईराम सभी भक्तगण को, मेरा अनुभव इस तरह है। यह सिर्फ नौकरी का मामला लग सकता है लेकिन जैसा कि कहते हैं कि जो इससे गुजरा है वही केवल जानता है। मैं यूएसए में हूं, मैं एक साल से अधिक समय से नौकरी की कोशिश कर रहा था लेकिन सफल नहीं हुआ और कठिन समय से गुजर रहा था। जीवन निराशाजनक हो गया। एक दिन, कुछ महीने पहले (जून 2009 की शुरुआत) मेरे दोस्त ने मुझे पारायण करने (सात दिनों में श्री साईं सच्चरित्र पढ़ने) को कहा। मैंने ऑनलाइन संस्करणों के लिए गूगल में देखा और मैंने उसे आसानी से पाया और गुरुवार से शुरू करने का इंतजार किया, इस बीच मैंने भक्तों के अनुभवों को पढ़ना शुरू किया। भक्तों के अनुभव वास्तव में मुझे बहुत शांति और धैर्य देते है इसलिए मैंने बहुत से अनुभव वेबसाइटों पर पढ़े ।
मैंने गुरुवार को पारायण की शुरुआत की, पढ़ने का पहला दिन अच्छा रहा। लेकिन दूसरे दिन से मैं श्री साईं सच्चरित्र की कहानियों को महसूस कर सकता हूं और उनकी कल्पना कर सकता हूं। पढ़ते समय मेरी आँखों में आँसू आ गए और मैं अपनी वर्तमान मनःस्थिति से संबंधित कर सका। पढ़ते समय मुझे मेरे और मेरे जीवन के बारे में पूछे गए प्रश्नों के सभी उत्तर मिले जो मेरी स्थिति से सबंधित थे। यह वास्तव में एक यादगार अनुभव था। मैंने दिन प्रतिदिन पढ़ना जारी रखा।
हर सवाल का एक के बाद एक मुझे जवाब मिल रहा था जिससे मेरे मस्तिष्क को शांति और स्थिरता मिली, मेरे में सात्विक भाव जाग्रत होने लगे (अश्रुपात, कण्ठावरोध, रोमांच)। यह उस अनुभव में से एक है जिसे मैं साझा कर रहा हूं जो मेरे पहले (पारायण) सप्ताह दिनों के दौरान हुए और बाद में भी। अब मुझे एहसास हुआ कि बाबा किस तरह से उस व्यक्ति की परवाह करते हैं जो उन्हें विनम्रतापूर्वक पुकारता है| बाबा को ना तो पैसे की जरूरत है और ना ही कोई उपहार की, उन्हें तो केवल शुद्ध भक्ति चाहिए। दिल से याद करो बाबा जरूर सुनेंगे (बाबा हमेशा शुद्ध दिल की पुकार सुनते है)।
मैं वास्तव में व्यक्त नहीं कर सकता कि मुझे कैसा लगा लेकिन इसने मेरी हताशा को बाहर निकाल दिया जो मैंने अपनी बेरोजगारी के दौरान विकसित की। पढ़ने के पाँचवें दिन मुझे सूचित किया गया कि मुझे एक पद के लिए नौकरी मिली है, जिसका साक्षात्कार एक महीने पहले हुआ था। यह आश्चर्य की बात थी क्योंकि उन्होंने साक्षात्कार के बाद दो सप्ताह से अधिक समय तक जवाब नहीं दिया और मुझे उस पर कोई उम्मीद नहीं बची थी। मेरी आँखों से खुशी के आँसू लुढ़क रहे थे जो रुक नहीं रहे थे। इतना ही नहीं, इस नौकरी के लिए शुरुआत की तारीख से पहले कुछ पृष्ठभूमि की जाँच और कुछ औपचारिकता थी और इसमें लगभग तीन सप्ताह लगने की उम्मीद थी।
तीन हफ्ते बीत गए, चौथा हफ्ता भी बीत गया और मैं फिर से चिंतित हो गया और बाबा से एक ही सवाल कर रहा था कि यह उनका आशीर्वाद है कि मुझे नौकरी मिल गई पर अब शुरुआत की तारीख में देरी क्यों हो रही है लेकिन फिर भी शुरू होने की तारीख के बारे में कोई सूचना नहीं मिली। मैं बहुत परेशान था और रोज रोता था और बाबा से बोलता था कि यह क्या चल रहा है। और मैं केवल यह समझ सकता था कि मुझे धैर्य और विश्वास (श्रद्धा और सबुरी) रखने की आवश्यकता है। मैंने फिर से पारायण शुरू कर दिया और दिन बीतने लगे। यह केवल श्री साईं बाबा की कृपा ही थी कि मैं धैर्य बनाए रख सका और नौकरी के लिए प्रयास कर सका और इस तरह सब ठीक हो गया और मुझे नौकरी मिल गई| पिछले कुछ सप्ताह से मैं काम कर रहा हूं। बाबा परवाह करते हैं और बाबा प्यार करते हैं। हमारे पिछले कर्म ही हमें कष्ट देते है लेकिन बाबा की उपस्थिति और ध्यान ने मुझे जीवन के कुछ वास्तविक गुणों को समझाया| एक बात निश्चित है कि बाबा में विश्वास आपको कभी निराश नहीं करेगा।
मुझे अपने पहले सप्ताह (पारायण) दिनों के दौरान और बाद में भी कुछ अद्भुत अनुभव हुए थे, लेकिन अभी के लिए इतना ही साझा कर रहा हूँ, हो सकता है कि मैं इसके बारे में फिर लिखूं।