भारत से शिरडी साईं बाबा भक्त अरुण कहते हैं: मैं अरुणा हूँ, मैं साईं भक्तों में से एक हूं। मैंने अपने जीवन में कई साईं चमत्कारों का सामना किया है और मैं अपने अनुभवों को यहां बताना चाहती हूँ ।
1) जब मैं 10 वीं कक्षा (1996) में थी, मुझे परीक्षा मे उत्तीर्ण होने मे संदेह था। मैंने अपने दिल में आंतरिक रूप से साई से प्रार्थना की और मैंने कहा कि अगर मैं इस परीक्षा में पास हो गई तो मैं हर दिन आपको 200 बार याद करूंगी। मैंने परीक्षा पास की लेकिन अपने व्यस्त जीवन के कारण (कॉलेज के समय) में साई को याद नहीं कर पाई।
2) जब मैं प्लस टू (1998) मानक में थी तब मुझे फिर से संदेह था कि मैं सार्वजनिक परीक्षा में पास होऊँगी या नहीं। मैंने अपनी परीक्षा सबसे खराब लिखी और मुझे पास होने की कोई उम्मीद नहीं थी। मैं तनाव में थी, उस समय एक दिन एक गुरु मेरे घर आए (वे शिरडी साईं बाबा की तरह ही दीख रहे थे), उन्होंने कहा की वे शिरडी से आए हैं, उन्होंने मुझसे कुछ पैसे 5 रुपये या 10 रुपये दान करने को कहा और तुरंत मुझसे मेरी बहनों के बारे मे पूछा। मैंने उन्हे बताया कि हम केवल दो बहनें हैं, मैं बड़ी हूँ और मेरी एक छोटी बहन है। उन्होंने तुरंत कहा कि एक लड़की आपके घर में डॉक्टर बनेगी। उसके बाद उन्होंने मेरा हाथ (हथेली) लिया और बोला कि मुझे परीक्षा के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, निश्चित रूप से मैं परीक्षा में पास हो जाऊँगी। उन्होंने यह भी कहा की मेरे पति एक सरकारी कर्मचारी होंगे। मेरे पास ससुराल में, अपने माता-पिता के मुकाबले अधिक संपत्ति होगी। मैं किसी बड़े शहर में रहूँगी और एक बड़ी कंपनी की प्रबंधक बनुंगी। उन्होंने यह भी कहा की मुझे तीन बार स्वास्थ्य की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, मगर बाबा मुझे उनसे बचा लेंगे।
उन्होंने मेरा नाम लिखेंने के लिए एक कलम दिया था जिसे वे लेना भूल गए थे। मैंने उस कलम को साईंबाबा के फोटो के पास रख दिया था लेकिन दो साल बाद वो कलम लापता हो गया। जैसा कि गुरु जी ने कहा था मैंने परीक्षा पास कर ली थी, और मैं हर मिनट साईं को याद करती थी और प्रतिदिन साई चालीसा 24 बार पड़ती थी। मैं हर दिन दीपक जलाया करती थी और बाबा से प्रार्थना करती थी।
एक साल बाद फिर से मैंने पूजा करनी बंद करदी। बस मैं उन्हें अपने दिल में याद करती हूँ। जैसा कि साई ने बताया था मेरी बहन डॉक्टर बन गई। बाद में मैं साई को याद करना भूल गई। जैसा कि गुरु जी ने कहा था अब मैं अमरीका में रह रही हूं (मैं कल्पना भी नहीं कर सकती)।
3) जैसा कि गुरु जी ने कहा था, बाबा ने मुझे मेरी स्वास्थ्य समस्या से बचाया। जब मैं ग्रैजुएशन में थी तब मैं एनीमिया से पीड़ित थी, मेरे शरीर में 20% हीमोग्लोबिन था, मेरे शरीर में पानी भर गया था, मैंने एक फैमिली डॉक्टर से बात की, उसने तुरंत मुझे एक कॉरपोरेट हॉस्पिटल में रेफर कर दिया क्योंकि मेरी हालत गंभीर थी। वहां डॉक्टरों ने मेरा इलाज किया और उन्होंने बताया कि अगर इलाज में 1 या 2 दिन की देरी होती, तो मैं मर जाती। मुझे उसी दिन रात में अस्पताल में भर्ती कराया गया और उन्होंने मुझे एक इंजेक्शन दिया। वास्तव में उन्हें सैंपल की जाँच करनी थी, लेकिन गलती से सैंपल की जाँच किए बिना ही उन्होंने इंजेक्शन लगा दिया था, मेरे एक चाचा ने देखा और उन्होंने पूरी रात साईं से प्रार्थना करी कि इंजेक्शन से मुझे नुकसान नहीं पहुँचे।
सौभाग्य से कुछ भी बुरा नहीं हुआ। अगले दिन डॉक्टर आए और उन्होंने परीक्षण किया और परिणाम सामान्य था। लेकिन उन्हें समझ नहीं आया कि मेरे शरीर में क्या हो रहा है और क्यों हीमोग्लोबिन का स्तर 20% तक घट गया है, वे चकित थे। एक सप्ताह के बाद मैं ठीक हो गई, उस समय मेरी माँ ने साई से प्रार्थना की और उन्होंने साईं का व्रत रखने का वादा किया था। तो साई ने मुझे उस स्थिति से भी बचा लिया। उन पर विश्वास रखो वह हम सबको बचाएँगे। बाबा ने मुझे समस्याओं से बचाया, लेकिन व्यस्त जीवन के कारण मैंने केवल उनकी उपेक्षा की। मैं अब अपनी लापरवाही के लिए पश्चाताप कर रही हूं। साईं अब मुझे एक समस्या है। मैं फिर से बाबा से प्रार्थना कर रही हूँ कि वे मेरी इच्छा पूरी करें और मैं आज उनसे वादा करती हूँ कि मैं उनकी उपेक्षा नहीं करूँगा, मैं आपकी प्रार्थना करूंगी। कृपया मुझ पर विश्वास करो बाबा !!!