उषा: बाबा ने मेरे पैर ठीक किए और मुझे फिर से चलवाया



Devotee Experience – Usha से अनुवाद

मैं एक और साईं भक्त का अनुभव प्रस्तुत कर रही हूँ जो उन्होंने मुझे मेल किया है और ब्लॉग पर पोस्ट करने की इच्छा जताई।

जय साईं राम,

मैं आंध्रप्रदेश से ऊषा हूँ … मैं साईं बाबा की सच्ची भक्त हूँ। पिछले वर्ष 11 दिसम्बर 2007 में मैं बिना किसी सहारे के दूसरी मंजिल से गिर गई और मेरी दाहिनी एड़ी टूट गयी ।


ऑपरेशन असफल रहा, और केवल 30% सफलता की सम्भावना डोक्टोरो ने जताई। ऑपरेशन के बाद कहा गया कि यह ऑपरेशन सफल तो हुआ है लेकिन टूटी हुई हड्डी जुड़ने में 3 महीनो का समय लगेगा। मैं 3 महीनो तक बिस्तर पर रही। 28 वर्ष की उम्र में यह बहुत ही कठिन है। एक महीने बाद, मैं डॉक्टर को दिखाने गयी तो उन्होंने कहा कि
तुम्हारी हड्डी अभी भी जुड़ी नहीं है, और मैं घर वापस आ गई। तब मैंने साईं बाबा के इतिहास की पुस्तक पढ़ी और थोड़ी सी विभूति लेकर मैंने अपने पैर पर लगाई। मैंने पूरे सच्चे मन से बाबा से प्रार्थना की, अगली बार जब मैं पैर दिखने गई तो डॉक्टर ने एक्स-रे लिया और वो आश्चर्यचकित रह गए!!! उन्होंने एक और एक्स-रे लिया। उन्होंने कहा यह पहली सफलता की कहानी है और उन्होंने यह भी कहा तुम बहुत बहुत भाग्यशाली हो।

देखिये, जब हम बाबा पर विश्वास करते हैं तो वे हमारी हमेशा हमेशा रक्षा करते हैं। 3 महीनो बाद, मैंने चलना शुरू किया और डॉक्टर ने मुझे चप्पल दी और कहा, इन्हें
कभी भी उतरना नहीं वरना सपोर्ट स्क्रू टूट जायेंगे, उस दिन से मैं लगातार चप्पल पहनती हूँ। पिछले महीने सितंबर में मैं शिर्डी गयी और पीआरओ ऑफिस में निवेदन किया कि मुझे चप्पल में जाने की अनुमति दे। उन्होंने सीधे मना कर दिया, और मैंने अपने डॉक्टर से बात की, उन्होंने कहा कि यदि तुम चप्पल उतार दोगी तो कुछ ही कदम चल पाओगी। तब मैं मंदिर तक आई और चप्पल उतार दी। मैं बाबा की समाधि तक गई। मुझे कोई दर्द, या कुछ भी नहीं हुआ। सचमुच बाबा ने मेरी रक्षा की। यह मेरे जीवन का चमत्कार है। मैं बाबा पर विश्वास करती हूँ। बाबा पर हमेशा भरोसा करिए और वे हमेशा आपकी रक्षा करेंगे।

जय साईं राम

[line]

इस कहानी का ऑडियो सुनें


[line]
Translated and Narrated By Rinki
Transliterated By Supriya

© Sai Teri LeelaMember of SaiYugNetwork.com

Share your love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *