Devotee Experience – Anita से अनुवाद
इस पोस्ट में आप शिर्डी साईं बाबा का वर्तमान अनुभव पढेंगे जो कि मेरी आंटी के साथ पिछले सप्ताह घटित हुआ। पिछले 2 माह से उनके एक पैर में बहुत दर्द था। उन्होंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, यह सोचकर कि घर के कामों की अधिकता के कारण थकान से होगा। उन्होंने केवल बाबा की उदी ले ली।
लेकिन धीरे धीरे दर्द बढ़ने लगा। 10 दिन पहले तक तो अत्यधिक दर्द बढ़ गया। उन्हें दिनचर्या के कार्यों में भी तकलीफ होने लगी।
िर मेरे अंकल ने डॉक्टर को दिखने का निश्चय किया। मेरी आंटी का पिछले साल ही एक बड़ा ऑपरेशन हुआ था। अब हॉस्पिटल का नाम सुनते ही उनके दिल की धड़कन दुगुनी हो गई। वे हॉस्पिटल जाने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थीं । कई विचार उनके दिमाग में घूम रहे थे और वे बहुत ज्यादा परेशान हो रही थीं। उन्होंने शिर्डी साईं बाबा से रक्षा करने के लिए प्रार्थना की और उन्हें एक ही भजन याद आ रहा था- “साईं मेरी रक्षा करना”।
मेरे अंकल गाँव में रहते हैं तो उन्हें इलाज के लिए दुसरे शहर जाना था। पूरे रास्ते साईं नाम उनके होठों पर था। क्लिनिक पहुँचने पर उनको ढेर सारे टेस्ट करवाने पड़े। उन्होंने बाबा से प्रार्थना की कि कोई भी बड़ी समस्या न हो। कुछ घंटों के बाद डॉक्टर ने अपने केबिन में बुलाया। आंटी जी पहले ही बहुत ज्यादा सशंकित और घबराई हुई थीं, अब स्थिति और भी गंभीर हो गई। डॉक्टर ने सभी रिपोर्ट देखीं और कहा सब कुछ सामान्य है और उन्होंने कहा कि कुछ दवाइयाँ और सिर्फ मलहम लगाने होंगे। यह सुनकर मेरी आंटी जी को बहुत ज्यादा राहत मिली और वे भीतर से बहुत खुश हुईं। इस ख़ुशी का कारण उनकी अच्छी तबियत नहीं थी, बल्कि यह थी कि डॉक्टर के केबिन में उन्हें बाबा के दर्शन हुए। मेरी आंटी केबिन से बाहर आईं और अपनी बेटी से कहा कि उन्हें बाबा के दर्शन हुए। उनके घर में भी लाल रंग के वस्त्र धारण किये हुए बाबा की एक तस्वीर है।
ठीक वैसी ही तस्वीर उनके आँखों के सामने आई, फर्क इतना था कि इसमें बाबा मुस्कुरा रहे थे जैसे वे सांत्वना दे रहे हों कि तुम्हें कुछ नहीं होगा, मैं यहाँ हूँ ना,
और वही हुआ भी। उस दिन शनिवार था और रात को उन्होंने बाबा की इस लीला को ब्लॉग में प्रकाशित करने के लिए साझा किया ।
SAI…SAI…