Devotee Experience – Ramana से अनुवाद
ॐ साईं राम.
हाय हेतल,
यह मेरा एक अनुभव है जो मैं सभी के साथ साँझा करना चाहता हु|वर्ष 2001 में, मैंने एक स्टोर में काम करना शुरू किया था । इस नौकरी से पहले मैं हर गुरुवार को शिरडी साईं बाबा के मंदिर जाया करता था। जैसा कि मुझे रात की शिफ्ट में काम करना पड़ता था, जो रात 8:00 बजे से लेकर सुबह तक होता है, मैं हर गुरुवार को अनुमति लेता था, ताकि मैं मंदिर में आरती में सम्मिलित हो सकूँ और बाद में काम पर लौट सकूँ । एक गुरुवार को मुझे 8:00 बजे अपना काम शुरू करना था, मुझे ऐसा लग रहा था की जैसे कुछ कमी है और मैं शाम की आरती में सम्मिलित ना होने के कारन बोहुत दुखी था। मंदिर के सामने की सड़क से गुज़रते वक़्त मैंने बाबा से कहा की आरती में शामिल ना होने के कारण मुझे माफ करना। रात के 12:00 बजे ही हम स्टोर के मुख्य दरवाजे को बंद कर देते हैं और ग्राहकों को खिडकियों के द्वारा ही चीज़े उपलब्द कराते हैं।
लगभग रात के 2:00 बजे एक बुजुर्ग ईसाई नन अपने आर.वी. ट्रेलर में ईंधन भरने के लिए दुकान में आई और उनके साथ एक चालक (ड्राईवर) भी था जो उन्हें पूरे देश में गाडी चलाकर ले जाता है। मैंने उन्हें दुकान में प्रवेश करने दिया अन्यथा सामान्य रूप से मैं सुरक्षा और साफ-सफाई की वजह से किसी को भी दुकान के भीतर आने की अनुमति नहीं दे सकता। वह दुकान में आई और कुछ पे-डे कैंडीज़ खरीदे और उनके ड्राईवर ने करीब 100 डॉलर का गैस भरवाया था, उन्होंने सभी के पैसे दिए और वह हर समय धीरे धीरे कुछ जाप भी करती जा रही थी जब वह स्टोर में थीं। जब वह जा रही थी तो मैंने अपने केबिन से बाहर निकलकर उनके लिए दरवाजा खोला और वो आर.वी. ट्रेलर के पास गयी, और फिर से वह वापस लौट आई , क्योंकि वह कुछ भूल गई थी और उन्होंने स्टोर में जाकर कुछ और पे-डे कैंडीज खरीदे और उसके पूरे पैसे दिए। उन्होंने उसमे से 5 कैंडीज मुझे दिए और कहा इसे लोगों में बाँटने को कहा और मुझे कहा इसे फिर से नहीं बेचना। जब वह जा रही थी, मैं बाहर गया और उनसे पूछा “क्या मैं आपके पैरों को छू सकता हूं” जैसा कि हम हिंदुओं में बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते हैं।
उन्होंने कहा, हाँ, जब मैंने उनके पैर छुए “उन्होंने कहा की साई आपकी देखभाल करेंगे और उन्होंने मुझे 4 और कैंडीज दिए और मुझसे अपनी पत्नी, बेटी और मेरे बेटे के साथ बांटने के लिए कहा। और वह कुछ जाप करते हुए चली गयी। मैं उनके मुह से साईं का नाम सुनकर बोहुत हैरान था और कैंडीज देते वक़्त उन्होंने मेरे परिवार के लोगो को व्यक्तिगत रूप से नाम देकर उन्हें आशीर्वाद दिया यह भी आश्चर्य की बात थी। इस अनुभव को पाकर मुझे बहुत ख़ुशी महसूस हुई और मैंने सोचा कि मैं आरती पर नहीं जा सका तो बाबा मुझे आशीर्वाद देने के लिए व्यक्तिगत तौर पर मेरे पास आ गए।
मैं बचपन से ही ईश्वर में विश्वास करता हूं। मेरा मानना है कि ईश्वर हर जगह है, जैसा कि हमें सिखाया गया था “हमे हमेशा भगवान को देखना चाहिए” जीवित या निर्जीव हर चीजों में और हर किसी में| मुझे यह बोहुत दृढ़ विश्वास है। मेरी शादी के बाद पहली बार मैं दिलशुकनगर में साईं बाबा के मंदिर गया, मैं कई बार शिरडी भी गया हूँ। मैं बाबा से अनुरोध करता हूं कि हमें सब को यानि मुझे ,मेरी पत्नी और अपने बच्चों के साथ शिर्डी में आने की अनुमति दीजिये जिसके लिए हम बहुत उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।
यह घटना मुझे एक श्लोक की याद दिलाती है जो हमें शिरडी साईं बाबा के मंदिरों में देखने को मिलती है, जो है यदि आप मेरी तरफ देखते हैं, तो मैं भी आपको देखता हूं” एक और ध्यान देने वाली बात यह है की उस बुजुर्ग नन ने मुझे पहले 5 कैंडीज दिए और फिर 4 दिए, कुल मिलाकर 9 (शिरडी साईं बाबा ने भक्ति के 9 प्रकारों को महत्व दिया और यहां तक कि उन्होनें महासमाधि के समय लक्ष्मीबाई को 9 सिक्के दिए थे )।
शिर्डी साईं बाबा के लीला अद्वितीय हैं।