साईं भक्त खुशाली कहती हैं: प्रिय हेतल जी, साईं राम, मैं आपको पहली बार यह लिख रही हूँ, और मैं आशा करती हूँ की आप मेरा यह अनुभव आपके ब्लॉग में पोस्ट करें, ताकि दूसरे सभी साईं भक्त भी बाबा की इस लीला को जान पाए|
मैं दुबई में रहती हूँ। पिछले हफ्ते 22 मार्च को मेरा जन्मदिन था। अपने जन्मदिन से कुछ दिन पहले, मैंने एक सपना देखा, जिसमें मैंने देखा कि मेरी गोद बहुत सारी उदी से भरी जा रही थी। उस सपने में, मैं इतनी उत्साहित थी, कि मैं अपने परिवार के सदस्यों को बुलाने के लिए दौडकर गयी। जब तक वे यह देखने के लिए पहुंचे, तब तक मेरी गोद में मौजूद सारी उदी कपास(कॉटन) में बदल गयी। जब मैं उठी, मेरे मन में मिश्रित भावनाएँ थीं, क्यूंकि मुझे नहीं पता था कि सपने का क्या मतलब है|
पिछले साल मेरे जन्मदिन पर, यानी 22 मार्च 2008 को, मेरे पिताजी के दोस्त शिरडी से लौटे थे और इत्तेफ़ाक़ से मेरे जन्मदिन के ही दिन, उन्होंने हमें उदी / प्रसाद भेजा। मैं उस साल बहुत खुश थी। मेरी इच्छा थी कि इस वर्ष भी किसी न किसी तरह से बाबा मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करे। इस वर्ष मेरा जन्मदिन रविवार को था और मेरे जन्मदिन के उसी सप्ताह जो गुरुवार (26 मार्च, 09) को मुझे शिरडी साईं बाबा संस्थान से एक एयर मेल मिला, जिसमे उदी के पैकेट थे और लिफाफे के बाहर लिखा था “श्री साईं बाबा के आशीर्वाद से” “(With Sri Sai Baba’s blessings)” यह पढ़ते ही मेरी खुशी कोई सीमा नहीं रही। यह बहुत अचरज की बात थी की यह उदी सीधे शिर्डी मंदिर के संस्थान से ही आयी थी|
इस लिफाफे में एक रसीद भी थी, हलाकि जब मैं दिसंबर 2008 में शिर्डी गयी, तब मैंने एक छोटा सा दान किया था और उसकी रसीद मुझे तभी ही काउंटर से मिल चुकी थी, पर यह बहुत अचरज की बात है की जो रसीद मुझे अभी मिली है इसका दिनांक 21-जनवरी-09 दिया गया था|
क्या यह अजीब नहीं है कि जो दान मैंने तीन महीने पहले किया था उसकी रसीद अभी मिली वो भी उदी के साथ, जबकी काउंटर पर मुझे पहले ही रसीद मिल गई थी? क्या यह बाबा का तरीका नहीं है मेरे जन्मदिन पर मुझे अपना आशीर्वाद देने का और सपने के माध्यम से भी उन्होंने अपने आशीर्वाद का संकेत दिया| मैं यह नहीं जानती की श्री साईं बाबा संस्थान द्वारा उदी को इस तरीके से भेजना आम बात है या नहीं, वो भी दान के 3 महीने बाद? जब मुझे भी रसीद की जरूरत नहीं थी !!!
अजीब है बाबा के तरीके हैं। मुझे लगता है कि रसीद सिर्फ एक माध्यम था, मुझे उदी भेजने का 🙂
लेकिन, इससे निश्चित रूप से बाबा में मेरा विश्वास और भी अधिक बढ़ गया और मैं भी बहुत खुश थी इस प्यारे अनुभव से।
बाबा हम सभी प्राणियों में बसे हैं। हम सभी श्राद्ध और सबुरी सदैव बनायें रखें।
सभी को साईं राम!