The Final Verdict For Naam Jaap To Sai Devotee Rakhi से अनुवाद
नाम जाप श्रृंखला में पिछला पोस्ट
यह पढना वास्तव में काफी रोचक था कि किस प्रकार एक-एक करके भगवान साईं बाबा ने साईं भक्त राखी को भजन आयोजित करने के बारे में संकेत दिया था। हालांकि उन्होंने काफी चतुराई से राखीजी को और (हम सभी को भी) यह समझाया की वह क्या चाहते है और उनकी क्या योजना है। आइए आज की पोस्ट की ओर बढ़ते है।
भजन करने और बाबा के महासामधि के 100 वें साल का उत्सव मनाने के विचार को अनुभव करने के बाद मुझे एक और अनुभव मिला ।
बाबा की उन लीलाओं के बाद मैं स्वयं को बार-बार भजनों में व्यस्त रखने लगी और मैंने पाया की मैं स्वयं भी उसे गुनगुना रही हु। मैं 365 दिन के साईं पारायण समूह का भी हिस्सा हूं। एक दिन रविवार की दोपहर को मैं छठा अध्याय पढ़ रही थी, जिसमें शिरडी में राम नवमी का उत्सव पहली बार कैसे मनाया गया था, उसके बारे में लिखा है। मैं उस भाग को पढ़ कर पूरी तरह उसी में समां गयी और उस उत्सव की कल्पना करने लगी मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे मैं उस समय की शिरडी में पोहुच गयी। मैं वह पंक्तिया पढ़ रही थी जो बाबा ने राधा कृष्ण माई को नाम सप्तह करने के लिए कहा था।
जब मैंने उसे पढ़ा, तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैं वह वाकया पढ़ नहीं रही हूँ बल्कि मुझे एक आवाज सुनाई दी जो मुझे चैत्र के पहले दिन से नाम सप्ताह करने के लिए कह रहे थी। मैं कुछ समय के लिए निस्तब्ध हो गयी और सोचने लगी क्यूंकि जो मैंने जो आवाज़ सुनी थी वो अध्याय समाप्त होने के बाद भी मुझे उतनी ही स्पष्ट रूप से सुनाई दे रही थी की बाकि सब एक वॅक्युम के सदृश्य हो गया और केवल वो आवाज़ ही मेरे कानो में गूंज रही थी।
मुझ में बोहत स्फूर्ति आ गयी और मेरा दिमाग काफी तेजी से सोचने लगा की यह कैसे करना है। मैंने बाबा से कहा क्या आपने मुझे सचमुच नाम सप्तह करने के लिए कहा है? यह कैसे होगा? मैं चौबीसों घंटे (24*7) का जप कैसे करूं? मैंने बाबा से कहा की मैं पूरी तरह भ्रमित हो चुकी हु और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा?
मेरे प्यारे साईं की अब लीला देखिये। उसके कुछ ही मिनटों बाद मुझे एक फॉरवर्ड किया हुआ वीडियो मिला जिसमे एक मेजबान (host) बता रही थी की किस प्रकार 2 महिलाओं ने अखण्ड भजन शुरू किया, क्यूंकि सत्य साईं बाबा ने उन्हें 24 घंटे तक साईं राम का जप करने का आदेश दिया था वो भी अलग-अलग धुन के साथ।
यह सुनकर मेरा मस्तिष्क भजन और नाम सप्ताह को जोड़ने लगा। उस पल में मुझे ऐसा प्रतीत हुआ जैसे बाबा ने मेरे लिए द्वार खोले है और सब कुछ प्रकाश के सदृश्य उज्जवल हो गया और मैंने सोचा कि हाँ सभी लोग एक साथ मिलकर नाम कीर्तन कर सकते हैं।
बाबा की लीला वही समाप्त नहीं हुई। जो अगला द्वार उन्होंने मेरे लिए खोला वो इस प्रकार है। उसी दोपहर को मुझे भजन का एक और वीडियो मिला, जहां लोग एक साथ ऑनलाइन पोर्टल पर आकर भजन गा रहे थे, वह बोहुत सुरीला था और इस प्रकार यह मेरे उस सवाल का जवाब था की सभी लोगों को एक साथ इकट्ठा कैसे लाना है।
बाबा ने मुझे उन दरवाजों से गुजरने दिया और ये कहा की दुनिया भर से लोगों को एक विशेष समय में इकट्ठा करो और गुनगुनाओ। इस तरह बाबा ने नाम सप्ताह को कैसे करना है, इसका रास्ता बताया, और यह बताया कि इसे एक अखण्ड भजन/नाम के जाप की तरह किसी विशेष समय पर दुनिया के विभिन्न हिस्सों के लोगों को साथ लेकर प्रेम से जप करो।
यह विचार एक उज्ज्वल प्रकाश की तरह था जिसने मेरे मन और मस्तिष्क में उजाला भर दिया और यह मेरे लिए बहुत ही दृढ भावना बन गया। मैं बहुत उत्साहित थी और अगली सुबह को मैंने पूजा जी को कॉल किया और मैंने अपने अनुभव के बारे में उनको बताया। उन्हें भी यह विचार बोहत अच्छा लगा और उन्होंने भी कहा की क्यूँ न इस नाम स्मरण को चौबीसों घंटे (24*7) किया जाए? मुझे ऐसा प्रतीत हुआ जैसे वो बाबा के रूप में मुझसे बात कर रही थी।
मुझे बाबा से बोहुत प्यार है और दिन-रात मुझे मेरे विठ्ठल के नाम का जप करना भी पसंद है। नाम सप्तह उनके लिए मेरी ओर से श्रद्धांजलि है। जैसे उन्होंने 100 साल पहले धुनी जलाया थी, जो हमें आशा प्रदान करती है। चाहे हम जैसे भी और जहा भी रहे, बाबा हमारे साथ चौबीसों घंटे (24*7) रहते है तो हम उनके नाम का जप करने से कैसे दूर रह सकते हैं जो हमे हमारे दुखो से मुक्ति प्रदान करते है।
सच्चरित्र में बाबा ने कहा है कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से भक्ति करता है तो विठ्ठल स्वयं प्रकट होगे। सच्चरित्र में यह मेरे सबसे पसंदीदा कहानियों में से एक है और 2015 में मैंने स्वयं इसका अनुभव भी पाया, जब मैं अपने घर पर साई झोली का कार्यक्रम करना चाहती थी जहां बाबा भक्तों के रूप में भिक्षा लेने आते है, और बाबा ने भी अपना स्वरुप दिखाया जो हमारे घर की दीवार पर था और हमारे घर में प्रकट होकर उन्होंने हम सभी को आशीर्वाद दिया।
मैं विचार और प्रेरणा के साथ आगे बढ़ रही हूँ।
जो विडियो हमारे आखिरी पोस्ट में साझा किया गया था उसके माध्यम से बाबा ने हमे एक और बार उत्तर दिया है कि विठ्ठल स्वयं प्रकट होंगे, जैसे की उस विडियो में फुल नृत्य कर रहे थे जब भक्त जोरो से विठ्ठल विठ्ठल विठ्ठल गा रहे थे !!!!
मेरे पास तो शब्द ही नहीं है उस प्रेम और कृपा के बारे में कहने के लिए जो बाबा ने अपने भक्तों के प्रति दिखायी है। चलिए हम सब एक साथ आते हैं और साईं का स्वरुप जो नाम कीर्तन हैं वह करते है जो हमें विपत्तियों से बचाता है और हमें बंधन से मुक्त करता है।
श्री साईं नाथ को मेरा शत शत प्रणाम, भगवन सभी को शांति प्रदान करे।
अगली पोस्ट में आ रहा है: The First Sai Naam Jaap Groups Forms With Dream to Sai Devotee Manju
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