भक्तो के अनुभव – सतीश जी (भाग 1)
कल, मुझे साई भक्त सतीश से एक मेल आया, उन्होंने साईं बाबा के बारे में अपने तीन अनुभवों को मुझे बताया । उन्होंने मुझे अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने के लिए अनुरोध किया है और मैंने उनमें से दो अनुभवों को चुना है और तीसरे अनुभव को अगले पोस्ट के लिए आरक्षित कर के रखा है क्योंकि यह लंबा तो है पर दील को छूने वाला है|
ॐ साई राम,
सबसे पहले, साई बाबा हम सभी पर अपना आशीर्वाद बनाये रखे। मैं साईं बाबा को मानने वाला एक दृढ़ भक्त हूं। मैं पिछले 8 महीनों से उन्हें मानने लगा हु। मैं इसके कारण भी बताऊंगा कि मैंने उनपर विश्वास करना कब शुरू किया। मेरी माँ को बोहत बुरी तरह से पीठ की समस्या थी और चिकित्सकों ने उन्हें ऑपरेशन के लिए सलाह दी थी। वह साई में विश्वास करती है और अब हर कोई आश्चर्य में है की वह अब ठीक है। बाबा ने उनकी प्रार्थना सुन ली उस क्षण से मैंने भी उनपर विश्वास करना शुरू कर दिया। यहां तक कि मुझे एलर्जी की समस्याएं थीं जिसके कारन मैं बचपन से परेशान था, हर हफ्ते मुझे जांच के लिए अस्पताल जाना पड़ाता था, पर मुझे साईं बाबा में विश्वास था और अब 3 महीने के बाद मैं अस्पताल गया, अब मैं 100% फिट और स्वस्थ हूं।
मेरा सभी भक्तों से अनुरोध है की उनपर हमेशा विश्वास रखे, और वह हमेशा आपके साथ होंगे । मुझे यकीन है कि अगर आप सच्चे दिल से उनमे विश्वास करना शुरू करोगे, तो आप अपने जीवन में चमत्कार होते हुए देखोगे। कल मैंने साईं बाबा के दृढ़ भक्त से मुलाकात की जिन्होंने मुझे बताया कि जब कभी उन्हें साईं को देखने की इच्छा होती है तो साईं उनके सामने आ जाते है। मैं उस व्यक्ति से ईर्ष्या कर रहा था क्योंकि वह साईं को देखने में सक्षम थे और मैं नहीं। आज सुबह कार्यालय जाते समय मैं बाबा से प्रार्थना कर रहा था, “मुझे आज आपको देखना है”, आप यकीन नहीं मानोगे कि जैसे ही मैं अपनी टैक्सी से उतरा, मैंने अपने सामने बाबा की तस्वीर देखी …… मैं बोहत ही रोमांचित और खुश हुआ। जो भी उन्होंने मुझे दिया है उसके लिए मैं हमेशा उनका ऋणी रहूगा। जब भी मैं कठिनाई में था, तब हमेशा वो मेरे साथ थे ।
गुरु पूर्णिमा के दिन मैं सुबह 05:00 बजे साई मंदिर गया। इस शुभ दिन पर साईं ने मुझे हर किसी के जीवन में गुरु के महत्व को समझाया । मैं अपनी डिग्री के समय ट्यूशन के लिए जाता था, आज जो भी मैं हूं, यह मेरी ट्यूशन सर के कारण हु । उन्होंने मुझे सबकुछ सिखाया और मेरी डिग्री में अच्छे प्रतिशत प्राप्त करने में मेरी मदद की। मेरी डिग्री पूरी होने के बाद 2 साल हो गए हैं और अब तक मैंने अपने सर को कभी फोन नहीं किया और न ही कभी मैं उनसे मिला। सुबह साईं मंदिर में अपने ट्यूशन सर को अपने बगल में देख कर मैं बोहत हैरान हुआ, मुझे उनके साथ बात करने के लिए शर्म महसूस हो रहा था क्योंकि मैंने पिछले 2 वर्षों में उन्हें फोन तक नहीं किया।
बहुत साहस करके मैंने उनसे बात की, वह बहुत निराश थे उनके चेहरे से ही प्रतीत हो रहा था। मुझे अपने आप में शर्म महसूस हो रही थी, मैं अपने आप को दोषी महसूस कर रहा था। साई बाबा ने मुझे गुरु के महत्व का एहसास करवाया और ये भी मुझे महसूस करवाया कि मैंने अपने गुरु का सम्मान नहीं किया। बाबा को मुझे यह समझाने के लिए धन्यवाद, भविष्य में मैं उन लोगों को कभी नहीं भूलेगा जिन्होंने मेरी मदद की, ….. मैंने फैसला किया है कि मैं खुद को बदल दूंगा …., मैं अपने सभी नकारात्मक विचारों को छोड़ दूंगा और एक अच्छे तरीके से जीवन व्यतीत करुगा … एक बार फिर साईं को मेरा धन्यवाद् …
ॐ साई राम
— सादर धन्यवाद,
सतीश
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🌷OM SAI RAM 🌷